विधानसभा सत्र: आखिरी दिन स्पीकर को हटाने की मांग पर अड़ा विपक्ष, परिसर में बैठकर काले बिल्ले पहने

विधानसभा सत्र: आखिरी दिन स्पीकर को हटाने की मांग पर अड़ा विपक्ष, परिसर में बैठकर काले बिल्ले पहने

शिमला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को विपक्ष के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही में सहयोग नहीं किया। काले बिल्ले पहनकर कांग्रेस विधायक दल ने विधानसभा परिसर में स्पीकर विपिन सिंह परमार को आसन से हटाने की मांग की। कांग्रेस विधायक काले बिल्ले पहनकर सदन के परिसर में बैठ गए। विपक्ष के सदस्यों ने इस संबंध में विधानसभा सचिव को नोटिस दिया है।  विपक्ष के 19 विधायकों ने एक प्रस्ताव विधानसभा सचिव को दिया है।

इसमें हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बिजनेस रूल्स के नियम 274 (1) का हवाला देते हुए इन सदस्यों ने प्रस्ताव रखा है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार को इस पद से हटाया जाए। स्पीकर विपिन सिंह परमार विपक्ष के सदस्यों के अधिकारों और विशेषाधिकारों को बनाए रखने में असफल हो रहे हैं। उनकी सदन की कार्यवाही के संचालन की निष्पक्षता संदेहास्पद है। स्पीकर को न्यूट्रेलिटी रखनी होती है, उन्हें राजनीतिक विचारधारा का पक्ष नहीं लेना चाहिए।

ये बार-बार देखा गया है कि स्पीकर विपिन सिंह परमार जब सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता कर रहे होते हैं तो एक विशेष विचारधारा से अपनी संबद्धता की बात करते हैं। यह संविधान की आत्मा के खिलाफ है। हैरत करने वाली बात यह है कि स्पीकर यह भी कह चुके हैं कि रूल्स ऑफ प्रोसीजर की अनुपालना करने के लिए बाध्य नहीं हैं। विपक्ष के सदस्यों की ओर से नोटिस डील करते समय भी वह निष्पक्ष व्यवहार नहीं कर रहे हैं। विपक्ष के सदस्यों ने वर्तमान अध्यक्ष में विश्वास खो दिया है। ऐसे में विधानसभा सदस्यों के अधिकारों की रक्षा के लिए स्पीकर को हटाया जाना चाहिए।

विधायक बलवीर सिंह ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्रस्तुत किया
चौपाल के भाजपा विधायक बलवीर सिंह वर्मा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्रस्तुत किया। चौपाल और ठियोग में आठ साल से कुछ बागवानों और किसानों को सब्सिडी के पैसे नहीं मिले हैं। छोटे किसानों को जिन्होंने पावर टिल्लर लिए और छोटी मशीनें लीं, उन्हें आठ साल से पैसे नहीं मिल रहे हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य से जो छोटे बागवान सेब बेचते हैं, उन्हें पैसे के बदले सामान दिया जाता है। एंटी हेलनेट, फेंसिंग आदि में सब्सिडी मिलती है।

पहले छोटे किसानों-बागवानों को सब्सिडी दी। न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत सेब बेचने वालों को भी एक महीने में पैसे दिए जाएंगे। आईआरडीपी के किसानों-बागवानों को इस बारे में उपदान दिया जाए। बड़े बागवान सब्सिडी ले जाते हैं और छोटे जूझते रहते हैं। आईआरडीपी के किसानों-बागवानों को एक महीने के अंदर पैसे दें। छोटे किसानों और बागवानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य कम से कम साल के अंदर मिले। 

बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि विधायक बलवीर सिंह वर्मा ने जो प्रश्न उठाया है, इन्होंने जो सुझाव दिए हैं, उन पर विचार होगा। बागीचों के विभिन्न कार्यों के संचालन के लिए चौपाल और ठियोग क्षेत्र के अंतर्गत सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने अब तक दी गई सब्सिडी का ब्योरा भी दिया। वह सदस्य को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सरकार इस संबंध में हरसंभव प्रयास करती रही है।

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